Saturday 29 March 2014

♥यादों का एहसास…♥♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥यादों का एहसास…♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सांसें भले उधारी की हों, खुद को जिन्दा रख लेते हैं!
जब भी प्यास लगे अधरों को, खुद के आंसू चख लेते हैं!
नहीं पता कब तुझे देखने की, हसरत हो जाये दिल को,
इसीलिए तस्वीर तुम्हारी, हम कमरे में रख लेते हैं!  

बड़ा ही गहरा दर्द प्यार का, दवा असर न कर पाती है!
इंसां बेशक मर जाते हैं, याद न लेकिन मर पाती है!

इसीलिए तेरी यादों का, दिल पे पत्थर रख लेते हैं!
सांसें भले उधारी की हों, खुद को जिन्दा रख लेते हैं!

तुमसे दिल का रिश्ता है हम, इसीलिए न गिला करेंगे!
घाव मुझे तुम देती जाओ, सबको हंसकर सिला करेंगे!
"देव" अगर तुम मुझे देखकर, खिड़की के परदे ढ़क लोगी,
तो हम तेरी तस्वीरों से, एहसासों में मिला करेंगे!

अपने दिल को समझा लेंगे, न तुमसे फरियाद करेंगे!
तुझे खबर न होगी तुझको, हम चुपके से याद करेंगे!

तेरी याद के एहसासों को, गीत, ग़ज़ल में लिख लेते हैं!
सांसें भले उधारी की हों, खुद को जिन्दा रख लेते हैं!"

................चेतन रामकिशन "देव"…...............
दिनांक- २९.०३.२०१४  

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