♥♥♥♥♥♥बिन तेरे..♥♥♥♥♥♥
प्यार में मेरे क्या गलत पाया!
तुमने क्यों प्यार मेरा ठुकराया!
मेरी आँखों में आ गए आंसू,
तुमने जब गैर मुझको बतलाया!
बिन तेरे अब तो बस उदासी है,
हर तरफ दर्द का धुआं छाया!
सारे एहसास हैं तुम्हारे लिए,
अपनी चाहत का रंग दिखलाया!
चिट्ठियां मैंने तो लिखीं थीं बहुत,
खत तेरा एक भी नहीं आया!
यूँ तो हर साल ही लगा मेला,
मुझको बिन तेरे कुछ नहीं भाया !
"देव" आ जाओ ग़र सुना हो तो,
प्यार का गीत मैंने दोहराया! "
.....चेतन रामकिशन "देव"….
दिनांक-०२.०८. २०१४
प्यार में मेरे क्या गलत पाया!
तुमने क्यों प्यार मेरा ठुकराया!
मेरी आँखों में आ गए आंसू,
तुमने जब गैर मुझको बतलाया!
बिन तेरे अब तो बस उदासी है,
हर तरफ दर्द का धुआं छाया!
सारे एहसास हैं तुम्हारे लिए,
अपनी चाहत का रंग दिखलाया!
चिट्ठियां मैंने तो लिखीं थीं बहुत,
खत तेरा एक भी नहीं आया!
यूँ तो हर साल ही लगा मेला,
मुझको बिन तेरे कुछ नहीं भाया !
"देव" आ जाओ ग़र सुना हो तो,
प्यार का गीत मैंने दोहराया! "
.....चेतन रामकिशन "देव"….
दिनांक-०२.०८. २०१४
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