Saturday, 23 August 2014

♥♥♥प्यार का जहाज..♥♥♥

♥♥♥♥♥प्यार का जहाज..♥♥♥♥♥
दर्द का फिर इलाज़ ढूँढेंगे!
अपना हंसमुख मिजाज़ ढूँढेंगे!

कल तलक जो हमें न मिल पाया,
उसको शिद्दत से आज ढूँढेंगे!

जो चकाचोंध में हुआ है गुम,
हम वो खोया लिहाज़ ढूँढेंगे!

आदमी-आदमी से मिल जाये,
प्यार का वो जहाज ढूँढेंगे!

हिन्दू, मुस्लिम हों, सिख, ईसाई एक,
ऐसा खिलता समाज ढूँढेंगे!

हारकर जीतने का दम न मरे,
जोश का वो रियाज़ ढूँढेंगे!

"देव" रिश्ता यहाँ जुड़े दिल से,
एक दमकता रवाज ढूँढेंगे! "

.......चेतन रामकिशन "देव"…...
दिनांक-२४.०८. २०१४






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