Monday 4 August 2014

हम तुम जब एक

♥♥हम तुम जब एक♥♥♥
हम तुम जब एक हो जायेंगे!
जगमग तारे हो जायेंगे!
सखी डूब जाना तुम मुझमें,
हम भी तुझमें खो जायेंगे!
धवल चांदनी का वो पर्दा,
आसमान में लहराएगा,
एक दूजे की नजदीकी में,
हम चुपके से सो जायेंगे!

प्यार के मीठे सपने होंगे,
शोर शराबा थम जायेगा!
हम दोनों के प्यार के देखो,
हसीं सिलसिला बन जायेगा!

हम सपनों में मिलन भाव के,
नव अंकुर को बो जायेंगे!
हम तुम जब एक हो जायेंगे!
जगमग तारे हो जायेंगे। ...

बीच रात में आँख खुले तो,
गीत प्यार का तुम दोहराना!
नाम मेरा लेकर हौले से,
सखी नींद से मुझे जगाना!
हम दोनों फिर प्यार वफ़ा की,
बातों का एहसास करेंगे,
मैं भी साथ रहूँगा तेरे,
तुम भी मेरा साथ निभाना!

खूब पड़ेगी प्यार की बारिश,
बादल सुरमई हो जायेंगे!
हम तुम जब एक हो जायेंगे!
जगमग तारे हो जायेंगे! "


......चेतन रामकिशन "देव"…....
दिनांक-०४ .०८. २०१४


2 comments:

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना बुधवार 06 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

Pratibha Verma said...

बहुत सुन्दर ...just loved it...