♥♥♥♥♥♥♥पासा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
न ही मरहम है, न दिलासा है।
ढोंग है, झूठ है, तमाशा है।
मेरी खिदमत बताओ अब क्यों भला,
कौनसी चाल का ये पासा है।
प्यार का मेरे क़त्ल कर डाला,
क्या गुनाह तुमको ये जरा सा है।
भूखे माँ बाप तरसें रोटी को,
जिनके बेटों पे नोट ख़ासा है।
जो गुनहगार थे वो बच निकले,
बेगुनाहों को तुमने फांसा है।
आसमां झाँका, नींद आई नहीं,
दर्द आँखों में बेतहाशा है।
"देव" है नौजवां की बदहाली,
हाथ खाली है, और हताशा है। "
........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-०८.०८.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित।
न ही मरहम है, न दिलासा है।
ढोंग है, झूठ है, तमाशा है।
मेरी खिदमत बताओ अब क्यों भला,
कौनसी चाल का ये पासा है।
प्यार का मेरे क़त्ल कर डाला,
क्या गुनाह तुमको ये जरा सा है।
भूखे माँ बाप तरसें रोटी को,
जिनके बेटों पे नोट ख़ासा है।
जो गुनहगार थे वो बच निकले,
बेगुनाहों को तुमने फांसा है।
आसमां झाँका, नींद आई नहीं,
दर्द आँखों में बेतहाशा है।
"देव" है नौजवां की बदहाली,
हाथ खाली है, और हताशा है। "
........चेतन रामकिशन "देव"…….
दिनांक-०८.०८.२०१५
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