Tuesday, 15 November 2011

माँ( ममतामयी छवि)♥

"♥♥♥♥ माँ( ममतामयी छवि)♥♥♥♥♥♥
वो प्रेम है, दुलार है, ममतामयी छवि है!
लोरी हमे सुनाती, वो स्नेह की छवि है!
दुनिया में कोई दूसरा उस जैसा नहीं है,
चंदा की चांदनी है वो, प्रकाश का रवि है!

हे माँ! तुम्हारी तुलना कोई कर नहीं सकता!
गणना तुम्हारे त्याग की कोई कर नहीं सकता!

संसार के हर रत्न से अनमोल वो निधि है!
वो प्रेम है, दुलार है, ममतामयी छवि है........

वो सत्य का दर्पण है,वो आशाओं की लड़ी!
दुर्गम कठिन पथों पे है माँ साथ में खड़ी!
मिथ्या का रंग उसपे कभी चढ़ नहीं पाया,
बातें हैं मेरी माँ की सदा सत्य से जड़ी!

हे माँ! तुम्हारी तुलना कोई कर नहीं सकता!
गणना तुम्हारे त्याग की कोई कर नहीं सकता!

करुणा के छीर जैसी माँ बहती हुई नदी है!
वो प्रेम है, दुलार है, ममतामयी छवि है........

खुद रहके भी दुखों में हमें, हर्ष माँ देती!
उलझन को हमारी सदा निष्कर्ष माँ देती!
आओ के "देव" माँ की करें वंदना सभी,
देती है जन्म भी हमें उत्कर्ष माँ देती!

हे माँ! तुम्हारी तुलना कोई कर नहीं सकता!
गणना तुम्हारे त्याग की कोई कर नहीं सकता!

माँ के ह्रदय में कोई कपट और न बदी है!
वो प्रेम है, दुलार है, ममतामयी छवि है!"


"माँ- के बारे में लिखने के लिए संसार का हर शब्दकोष छोटा है! माँ अतुलनीय है! माँ वन्दनीय है! माँ अनमोल है! माँ संसार की सबसे अमूल्य निधि है! तो आइये माँ का सम्मान करें-------चेतन रामकिशन "देव"






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