♥♥♥♥♥♥♥♥♥मात शारदे की कृपा...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मनुज के मन में ज्ञान के दीप, आपकी कृपा से जलते हैं!
आपके जन्मदिवस पर हे माँ, पुष्पों के उपवन खिलते हैं!
मात शारदे की कृपा से होती है, बुद्धि के चिंतन में वृद्धि!
आपके ही आशीष से मिलती, हमारे लेखन को सम्रद्धि!
मात शारदे यदि हमारे साथ में आपका स्नेह ना होता,
हमारे जीवन में न आती, कोई सफलता, न उपलब्धि!
हम शीश झुकाकर मात शारदे, तन्मय हो वंदन करते हैं!
मनुज के मन में ज्ञान के दीप, आपकी कृपा से जलते हैं....
मात शारदे आपका पूजन हम सबको शक्ति देता है!
समस्याओं से संघर्षों की, हम सबको युक्ति देता है!
मात शारदे आपका वंदन, जीवन में उजियारा करता,
मात शारदे आपका वंदन, मिथ्या से मुक्ति देता है!
भक्ति भाव से मात शारदे, आपका अभिनन्दन करते हैं!
मनुज के मन में ज्ञान के दीप, आपकी कृपा से जलते हैं....
मात शारदे सदा ही हमको, अपने स्नेह से सिंचित करना!
कोई भूल यदि हो जाए तो, क्रोध कभी ना किंचित करना!
"देव" आपका इक यही निवेदन, मित्रों के संग में करता है,
अपनी संतानों को हे माता, ममता से वंचित ना करना!
आपके ही आशीष से माता, ज्ञान के नव-अंकुर पलते हैं!
मनुज के मन में ज्ञान के दीप, आपकी कृपा से जलते हैं!"
" ज्ञान के देवी माँ सरस्वती जी के वंदन में, अभिनन्दन में, स्वागत में, सम्मान में, उक्त पंक्तियाँ जोड़ी हैं! मैं और आप सब तो अज्ञानी हैं, ज्ञान और विवेक तो माँ ही देती हैं! माँ को नमन करते हुए प्रार्थना करता हूँ कि, उनकी कृपा सदा हम पर बनी रहे!"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक---२८.०१.२०१२
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