Wednesday 22 February 2012

♥♥♥टीस...♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥टीस...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कोई नजदीक रहकर भी मेरी परवाह नहीं करता,
कोई पर दूर रहकर भी, मेरी खातिर दुआ करता!

मेरे अपनों ने तो मुझको हमेशा घाव ही बख्शे,
कोई पर गैर होकर भी, मेरे दुःख की दवा करता!

मेरे अपनों ने तो मेरी ख़ुशी को जमके लूटा था,
कोई पर गैर होकर भी, मुझे खुशियाँ फिदा करता!

रगों का खून मिलने भर से अपनापन नहीं आता,
आजकल खून का रिश्ता ही, ज्यादा दगा करता!

किसी पे जुल्म होने का तमाशा देखते हैं "देव",
यहाँ मजलूम के हक में, नहीं कोई निदा करता!"


"जिंदगी में ऐसे पल भी आते हैं जिसमे खूने के रिश्ते तक बदल जाते हैं~ जीवन भर साथ देने की बात करने वाले और वादा करने वाले बदल जाते हैं, तो दिल में एक तीस उठती है! कुछ शब्द जोड़ने का प्रयास किया है!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक---२२.०२.२०१२

5 comments:

Dr.NISHA MAHARANA said...

कोई नजदीक रहकर भी मेरी परवाह नहीं करता,
कोई पर दूर रहकर भी, मेरी खातिर दुआ करता!no words to say....

राजेन्द्र सिंह कुँवर 'फरियादी' said...

उम्दा प्रस्तुति चेतन जी वास्तब में आप की कलम का जबाब नहीं है.........
चेतन जी आप के इस शतकीय संघर्ष को हमारा सलाम ! शतक के महत्व को वही समझ सकता है जो इस संघर्ष से दो चार हुआ हो .............शव्दों की लुका छिपी, कलम की बेरुखी और स्याही की बहती हुई धरा को, मन की उमंगों के संघर्षों से पलना पड़ता है .....................चेतन जी आप के इस शतकीय प्रयाश को हमारा हार्दिक नमन ! हमे आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वाश है की आप दस हजारी भी शीघ्र बनिंगे ! आप को बहुत बहुत बधाई साथ ही शतकीय संघर्ष की शुभकामनायें !!!!!!!!

chetan ramkishan "dev" said...

Dr.NISHA MAHARANA जी
कृपया अपना इ-मेल एड्रेस देने का कष्ट करें!
हमने आपके द्वारा दर्शाए गए मेल में एक सन्देश भेजा था शायद वो आपको नहीं मिला!


सम्मानित मित्र, आपने समय समय पर हमे अपने स्नेह से गौरवंतित किया है! आपका धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं हैं!

chetan ramkishan "dev" said...

भाई राजेंद्र जी
आपके इन शब्दों का, स्नेह का आभारी हूँ! मेरे मित्र आप हमेशा अग्रसर करते हैं!

chetan ramkishan "dev" said...

Dr.NISHA MAHARANA जी
कृपया अपना इ-मेल एड्रेस देने का कष्ट करें!
हमने आपके द्वारा दर्शाए गए मेल में एक सन्देश भेजा था शायद वो आपको नहीं मिला!


सम्मानित मित्र, आपने समय समय पर हमे अपने स्नेह से गौरवंतित किया है! आपका धन्यवाद करने के लिए शब्द नहीं हैं!