♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥जरुरत....♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
यदि भुलाना आसां होता, तो हम तुमसे फरियाद न करते!
सुबह से लेकर शाम ढले तक, बस तुमको ही याद न करते!
यदि तुम्हारे बिन रह लेते, तो क्यूँ विनती करते हम तुमसे,
तेरी याद में तड़प-तड़प कर, हम चैन-सुकूं बरबाद न करते!"
........................चेतन रामकिशन "देव".............................
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