Friday, 27 April 2012


♥♥♥♥♥माँ का प्यार..♥♥♥♥♥♥♥



मेरे सर पर तुम्हारा हाथ और संग में दुआयें हैं!


ख़ुशी की रोशनी रोशन, बहुत महकी हवायें हैं!


मेरी माँ आपके इस प्यार का, आभार कैसे दूँ!


हैं सागर सी सरीखी माँ तो मैं जलधार कैसे दूँ!


मेरे जीवन में माँ ने हर्ष के, दीपक जलायें हैं!


मेरे सर पर तुम्हारा हाथ और संग में दुआयें हैं!"




मेरी माँ प्रेमलता जी को समर्पित पंक्तियाँ!


......"शुभ-दिन"....चेतन रामकिशन "देव"......



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