♥♥♥♥♥तुम्हारी छवि..♥♥♥♥♥♥
छवि तुम्हारी फूलों जैसी प्यारी है!
तू मेरे घर अंगना की फुलवारी है!
हर लम्हा तू रहती है एहसासों में!
तू वसती है हमदम मेरी सांसों में!
तुझसे मेरी रूह की नातेदारी है!
छवि तुम्हारी फूलों जैसी प्यारी है!"
.......चेतन रामकिशन "देव"........
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