♥♥♥♥♥♥♥♥♥जीवन उद्द्देश्य..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम अपने सपनो को देखो ,कभी विश्राम न देना!
कभी हिंसा भरा, नफरत भरा पैगाम न देना!
किसी भी कार्य से पहले, निराशा पास न लाना,
कभी भयभीत होकर, हार का तुम नाम न लेना!
कभी सच मर नहीं सकता, उजागर हो ही जाता है,
कभी सच बेचने को भूलकर भी दाम न लेना!"
......"शुभ-दिन".......चेतन रामकिशन "देव".....
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