Friday, 20 July 2012

♥सत्ताधारी दानव..♥

♥♥♥♥♥♥सत्ताधारी दानव..♥♥♥♥♥♥♥♥
क़र्ज़ में डूबा ग्राम देवता, नौजवान बेकार! 
देश में लाखों भूखे पिंजर, मरने को तैयार!

देश के सत्ताधारी लेकिन, इनके दुख से दूर हुए!
घोटालों में जुटे हुए हैं, अपने मद में चूर हुए!
उनको कोई दुख हो तो, उपचार विदेशों में होता,
और घाव निर्धन के देखो, रिस रिस कर नासूर हुए!

राजनीति का रूप देखिए, जैसे हो व्यापार!
क़र्ज़ में डूबा ग्राम देवता, नौजवान बेकार!

सत्ता की चाभी मिलने पर, भूले सभी चुनावी वादे!
निर्धन को खुशियाँ देने के, छोड़ दिए हैं सभी इरादे!
सत्ता का सुख पाकर देखो, हर नेता पर रंग चढ़ा,
ओढ़ लिए हैं चोरों ने भी, संतों जैसे लाल लबादे!

जो भी मांग उठाए उस पर करते अत्याचार!
क़र्ज़ में डूबा ग्राम देवता, नौजवान बेकार!"

...............चेतन रामकिशन "देव"................

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