♥♥♥♥♥♥♥♥आँखों में पानी♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मेरी आँखों में पानी है और धड़कन भी मंद!
बिना तुम्हारे सखी नहीं है, जीवन में आनंद!
बिना तुम्हारे दिन सूना है, और सूनी है रात!
बिना तुम्हारे शाम अधूरी और दुखी प्रभात!
बिना तुम्हारे शब्द हमारे, लगते हैं बेजान,
बिना तुम्हारे खुशी भी देखो, देती है आघात!
बिना तुम्हारे रचना भूले, हम कविता और छंद!
मेरी आँखों में पानी है और धड़कन भी मंद!"
.................चेतन रामकिशन "देव"...............
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