♥♥♥♥♥प्यार की खुशबू..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
प्यार की रोली से, दुनियां को हम सजाते चलें
ज़मी सजाते चलें, आसमा सजाते चलें
जिंदगी तो नहीं काफ़ी, मोहब्बतों के लिए
कीमती उम्र को, लड़ने में न गंवाते चलें!
प्रेम की खुशबू से महका दें हम जहां सारा,
दुखी दिलों में खुशी की कली खिलाते चलें!
अपनी सच्चाई से रौशन, करें जमाने को,
ईमां के पथ पे वफ़ा के दिए जलाते चलें!
ख़ुलूस पैदा करें, अपनी हम दुआओं में,
प्यार की बोली से नफरत को हम मिटाते चलें!"
.............चेतन रामकिशन "देव"...............
प्यार की रोली से, दुनियां को हम सजाते चलें
ज़मी सजाते चलें, आसमा सजाते चलें
जिंदगी तो नहीं काफ़ी, मोहब्बतों के लिए
कीमती उम्र को, लड़ने में न गंवाते चलें!
प्रेम की खुशबू से महका दें हम जहां सारा,
दुखी दिलों में खुशी की कली खिलाते चलें!
अपनी सच्चाई से रौशन, करें जमाने को,
ईमां के पथ पे वफ़ा के दिए जलाते चलें!
ख़ुलूस पैदा करें, अपनी हम दुआओं में,
प्यार की बोली से नफरत को हम मिटाते चलें!"
.............चेतन रामकिशन "देव"...............
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