♥♥♥करुण निवेदन.♥♥♥♥
करुण निवेदन करके देखा,
और याचना भी की मन ने!
किन्तु फिर भी प्रेम के बादल,
नहीं छा सके इस जीवन में!
जिसकी यहाँ जरुरत होती,
वो ही पास नहीं आते हैं!
और अपने दिल के ही टुकड़े,
मानो पत्थर बन जाते हैं!
होती है मायूसी किन्तु,
नहीं समझते समझाने से,
अपनायत के निशां देखिए,
मानो दिल से मिट जाते हैं!
रंग बड़े बदरंग हुए हैं,
नीर बहाया ने उपवन ने!
करुण निवेदन करके देखा,
और याचना भी की मन ने!"
.............चेतन रामकिशन "देव".....
1 comment:
पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
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