Friday, 14 September 2012

♥जीते जी..♥


♥♥♥♥जीते जी..♥♥♥♥
जीते जी मरने की बातें!
मुश्किल से डरने की बातें!
न जाने क्यूँ इस जीवन को,
तहस नहस करने की बातें!

क्या रखा है इन बातों में, इन बातों से क्या मिलना है!
जब अंकुर को सींचोगे तुम, तभी तो आगे गुल खिलना है!
ये जीवन है और जीवन का सुख-दुख से है गहरा नाता,
पर हमको जिंदादिल रहकर, जीवन में आगे चलना है!

क्यूँ आंसू से भिगो रहे दिन,
क्यूँ गीली रखते हो रातें!
जीते जी मरने की बातें!
मुश्किल से डरने की बातें!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-१५.०९.२०१२

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