Saturday 15 September 2012


♥♥♥♥महंगाई.♥♥♥♥♥
आसमान छूती महंगाई!
बेकारी ने ली अंगडाई!
आम आदमी की आँखों में,
आंसू की बदली घिर आई!

देश की सत्ता अंधी होकर,
जनता का शोषण करती है!
घोटाले और लूटपाट कर, 
बस अपना पोषण करती है!

राज धर्म का पालन करना,
भूल गए हैं सत्ताधारी!
भूल गए निर्धन की पीड़ा,
भूल गए उनकी लाचारी!

आम आदमी के घर देखो,
दर्द भरी मायूसी छाई!
आसमान छूती महंगाई!
बेकारी ने ली अंगडाई!"

.........चेतन
रामकिशन "देव".......

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