Monday 29 October 2012


♥♥♥♥♥♥बाल्मीकि(अद्भुत चरित्र)♥♥♥♥♥♥♥♥♥
थे अद्भुत बाल्मीकि जी, धवल उनकी रामायण है!
नहीं दुनिया में उन जैसा कोई दूजा उदहारण है!

चलो उनकी तरह हम अपने मन को स्वच्छता देंगे!
हम अपनी सोच को चिंतन, बहुत ही सभ्यता देंगे!
तभी तो त्याग पाएंगे, ये हिंसा, द्वेष और लालच,
जब अपनी आत्मा को, ज्ञान से हम दिव्यता देंगे!

कभी पथभ्रष्ट होने से नहीं मिलता निवारण है!
थे अद्भुत बाल्मीकि जी, धवल उनकी रामायण है!"

..(प्रकट दिवस पर महर्षि बाल्मीकि को नमन)...

................(चेतन रामकिशन "देव")..................

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