♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥पथरीला पथ.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जीवन का पथरीला पथ भी, एक दिन समतल हो जायेगा!
घनी अमावस स्याह रात का, रंग धवल भी हो जायेगा!
किन्तु ऐसा तब ही होगा, जब तुम आशावान बनोगे!
जात-धर्म से ऊपर उठकर, जब अच्छे इन्सान बनोगे!
अपने मन से कमजोरी के, भावों को तुम मुक्ति देकर,
शक्ति के संवाहक बनकर, तुम जिस दिन बलवान बनोगे!
जब तुम अच्छा सोचेगे तो, मन भी निर्मल हो जायेगा!
जीवन का पथरीला पथ भी, एक दिन समतल हो जायेगा..
ये सच है के जीवन पथ में, बड़े बड़े दुख के क्षण आते!
दिल भी खून के आंसू रोता, आँखों से आंसू बह जाते!
किन्तु इस जीवन में देखो, बिना दर्द रक्खा क्या है,
दर्द भरे ये क्षण ही देखो, जीवन में शक्ति भर जाते!
आज दर्द को सहन करो तुम, इक दिन अच्छा कल आयेगा!
जीवन का पथरीला पथ भी, इक दिन समतल हो जायेगा!"
चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-०५.१०.२०१२
1 comment:
बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही भावनामई रचना शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
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