♥♥♥♥♥♥♥♥♥वक़्त के साथ.♥♥♥♥♥♥♥♥♥
वक़्त के साथ जो चलते हैं, वो बढ़ जाते हैं!
आलसी लोग यहाँ कुछ नहीं कर पाते हैं!
जंगे-मैदान में वो खाक भला जीतेंगे,
जंग के नाम से ही लोग जो डर जाते हैं!
ऐसे लोगों में कहाँ जिन्दादिली होती है,
गम के तूफान से जो पल में बिखर जाते हैं!
वक़्त के साथ जो चलते हैं, वो बढ़ जाते हैं!
आलसी लोग यहाँ कुछ नहीं कर पाते हैं!
जंगे-मैदान में वो खाक भला जीतेंगे,
जंग के नाम से ही लोग जो डर जाते हैं!
ऐसे लोगों में कहाँ जिन्दादिली होती है,
गम के तूफान से जो पल में बिखर जाते हैं!
ऐसे लोगों को भला कैसे भुलाये कोई,
रूह में चांदनी बनके जो उतर जाते हैं!
लोग ऐसे भी "देव" कम नहीं जमाने में,
मुल्क के नाम जो हँसते हुए मर जाते हैं!"
.........(चेतन रामकिशन "देव").........
रूह में चांदनी बनके जो उतर जाते हैं!
लोग ऐसे भी "देव" कम नहीं जमाने में,
मुल्क के नाम जो हँसते हुए मर जाते हैं!"
.........(चेतन रामकिशन "देव").........
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