♥♥♥♥♥♥♥♥आईना ♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पहले खुद से तो नजरें मिलाया करो!
फिर किसी ओर ऊँगली उठाया करो!
बैठने से कभी भी न मंजिल मिले,
तुम कदम अपने आगे बढाया करो!
न डरो तुम गमों के घने स्याह से,
होंसलों के दिये तुम जलाया करो!
तन से तन का मिलन ही मुहब्बत नहीं,
एक दूजे की रूह में समाया करो!
नफरतों से भला किसको क्या मिल सका,
प्यार के फूल दिल में खिलाया करो!
मंदिरों मस्जिदों मे भी जाना मगर,
पहले माँ-बाप का दिल हंसाया करो!
"देव" ये दोस्ती का सफ़र हो हसीं,
दोस्ती मरते दम तक निभाया करो!"
........चेतन रामकिशन "देव".......
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