Wednesday 21 November 2012

♥तेरे प्रेम की दमक♥


♥♥तेरे प्रेम की दमक♥♥♥
तेरे प्यार से दमक रहा हूँ,
जैसा तारा नीलगगन में!
हर्ष की वर्षा बरस रही है,
जब से तुम आई जीवन में!

तू गंगा जसी जल धारा 
तेरा मुख है चाँद सा प्यारा,,
जीवन में उपवन महका है,
जब से तूने दिया सहारा!

तुझे आत्मा से चाहा है,
तू ही चिंतन और मनन में!
तेरे प्यार से दमक रहा हूँ,
जैसा तारा नीलगगन में!

..चेतन रामकिशन "देव"...

No comments: