♥♥♥♥आशाओं के मोती..♥♥♥
दीपक से ज्योति की खवाहिश,
सागर से मोती की आशा!
जीवन में आगे बढ़ने की,
तुम मन में रखो अभिलाषा!
ख्वाब टूटकर बिखरें बेशक,
ख्वाब सजाना बंद न करना!
दर्द से चाहें चुभन हो कितनी,
तुम मुस्काना बंद न करना!
दर्द की एक उमर होती है,
धीरे धीरे कट जाएगी,
लेकिन यारों दर्द से डरकर,
गतिशीलता मंद न करना!
मानवता को जीवित रखना,
कायम रखना प्यार की भाषा!
जीवन में आगे बढ़ने की,
तुम मन में रखो अभिलाषा!"
...चेतन रामकिशन "देव"....
दिनांक--१५.०१.२०१३
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