♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्यार का गंगाजल..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बेशक पूरा जीवन न दो, मगर मुझे तुम्हें कुछ पल दे दो!
जिससे हिम्मत बढ़े हमारी, तुम चाहत का वो बल दे दो!
देखो साथी बिना तुम्हारे, धूल गमों की चिपट रही है,
मैं भी पावन हो जाऊंगा, प्यार का तुम गंगाजल दे दो!
हाँ सच है के बिना तुम्हारे, यूँ तो मैं जिन्दा रहता हूँ!
पर ये भी तो झूठ नहीं के, भीतर से बेदम रहता हूँ!
आज भले ही ठुकरा दो पर, मुलाकात को तुम कल दे दो!
बेशक पूरा जीवन न दो, मगर मुझे तुम्हें कुछ पल दे दो....
तुम बिन साथी तन्हाई के, बादल मुझ पर मंडराते हैं!
तुम बिन मेरी आँखों से यूँ, पल पल आंसू झर जाते हैं!
बिना तुम्हारे आंच तड़प की, मेरे मन को झुलसाती है,
तुम बिन हम तो अँधेरे में, बच्चों जैसे डर जाते हैं!
रस्ता तुम बिन नहीं सूझता, कदमों को ठोकर मिलती है!
"देव" मैं कोशिश करता हूँ पर, तुम बिन ये किस्मत छलती है!
घनी मुश्किलों में उलझा हूँ, तुम मुझको इनका हल दे दो!
बेशक पूरा जीवन न दो, मगर मुझे तुम्हें कुछ पल दे दो!"
......................चेतन रामकिशन "देव".....................
दिनांक-१०.०३.२०१३
1 comment:
चेतन जी आप word वेरिफिकेशन हटा दीजिये
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