♥♥♥♥♥♥♥♥दर्द का शोर..♥♥♥♥♥♥♥♥♥
शोर है दर्द का, ख़ामोशी अख्तियार करें!
आओ कुछ देर के, तन्हाई से अब प्यार करें!
वो नहीं आए तो, दिल अपना क्यूँ छोटा करना,
आओ आकाश में अब चाँद का, दीदार करें!
जिंदगी का तो नहीं होता, भरोसा कोई,
कैसे फिर बैठ के हम, कल का इंतजार करें!
खून का प्यासा यहाँ आदमी, अब होने लगा,
ऐसे हालात में अब किस पे, ऐतबार करें!
जिसके चेहरे से मुझे "देव", खुशी मिलती हो,
कैसे हम उसके बिना, गम का सफर पार करें!"
............चेतन रामकिशन "देव"................
दिनांक-०८.०३.२०१३
1 comment:
बहुत खूब देव sir
गुज़ारिश : ''महिला दिवस पर एक गुज़ारिश ''
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