Tuesday 16 April 2013


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥नया उजाला..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
नया दिवस है, नया उजाला, जल की ये शीतल धारा है!
निशा तिमिर की बीत चुकी है, और सूरज का उजियारा है!
वही यहाँ पर समस्याओं से, लड़ के आगे बढ़ा है एक दिन,
जिस मानव ने साहस के संग, समस्याओं को ललकारा है!

ये जीवन है यहाँ पे निश दिन, समस्याओं के पल आते हैं!
किन्तु मन में साहस हो तो, तिमिर में दीपक जल जाते हैं!

वही शांत रहता है मन से, क्रोध को जिसने भी मारा है!
नया दिवस है, नया उजाला, जल की ये शीतल धारा है....

सही बात है किस्मत का रुख, सदा यहाँ सुखमय नहीं होता!
किन्तु किस्मत से डरकर भी, जीवन का पथ तय नहीं होता!
"देव" हमे करना होगा कुछ, किस्मत कर्म नहीं करती है,
वही विजय पाता है रण में, जिसे हार का भय नहीं होता!

बस किस्मत की राह देखकर, जीवन को बरबाद न करना!
तुम औरों को दुख देकर के, अपना घर आबाद न करना!

वो क्या जंग करे जीवन से, साहस ही जिसने हारा है!
नया दिवस है, नया उजाला, जल की ये शीतल धारा है!"


....................चेतन रामकिशन "देव"........................
दिनांक-१७.०४.२०१३
"
सर्वाधिकार सुरक्षित"
" मेरी ये रचना मेरे ब्लॉग पर पूर्व प्रकाशित"

(पेंटिंग साभार--प्रिय मित्र कुसुम जी!)

2 comments:

Tamasha-E-Zindagi said...

बढ़िया चित्रकारी |

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

Tamasha-E-Zindagi said...

दोनों तरह से लाजवाब है शब्दावली भी और रंगों से भी | :)

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page