♥♥♥♥♥♥♥हमारा मिलन..♥♥♥♥♥♥♥♥
एक दूजे से जिस दिन हम मिल जायेंगे!
रंग हजारों दुनिया में खिल जायेंगे!
तिमिर दुखों का, जीवन से ढल जायेगा,
खुशी के दीपक, जीवन में जल जायेंगे!
तुम बन जाना भाव और मैं गीत बनूँ!
तुम गर्मी में बारिश और मैं शीत बनूँ!
हम सपनों की दुनिया नयी सजायेंगे!
एक दूजे से जिस दिन हम मिल जायेंगे...
प्रीत तुम्हारी नाजुक नर्म हथेली है!
प्रीत तुम्हारी हर पल नयी नवेली है!
"देव" तुम्हारे जैसा, जग में कोई नहीं,
सखी तुम्हारी छवि, बड़ी अलबेली है!
तुम पुस्तक, मैं लिपि तुम्हारी बन जाऊं!
मैं शिक्षक बनकर के, तुमको समझाऊं!
प्रीत की सरगम, जग को सदा सुनायेंगे!
एक दूजे से जिस दिन हम मिल जायेंगे!"
...........चेतन रामकिशन "देव"...........
दिनांक-२७.०४.२०१३
1 comment:
नमस्कार
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (29-04-2013) के चर्चा मंच अपनी प्रतिक्रिया के लिए पधारें
सूचनार्थ
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