Saturday, 4 May 2013

♥♥मंजिल की हसरत...♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥मंजिल की हसरत...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कुछ करने की हसरत जब तक, अपने मन में नहीं जगेगी!
तब तक हमको जीवन पथ में, मंजिल कोई नहीं मिलेगी!
बस किस्मत की ओर देखकर, अपनी क्षमता नष्ट न करना,
इस भूमि में बिन मेहनत के, फसल कोई भी नहीं खिलेगी!

जो जीवन में लक्ष्य बनाकर, सही दिशा में बढ़ जाते हैं! 
वही लोग मंजिल की सीढ़ी, इक दिन देखो चढ़ जाते हैं!

बिना जलाये दीप की माला, घने तिमिर में नहीं जलेगी!
कुछ करने की हसरत जब तक, अपने मन में नहीं जगेगी..

जज्बातों पर काबू रखकर, कुछ अरमान जगाने होंगे!
हमको अपनी इन पलकों पर, सपने नए सजाने होंगे!
"देव" जहाँ में बिन शिक्षा के, नहीं रौशनी मिल सकती है,
अपने मन को अधिगम देकर, अक्षर नए सिखाने होंगे!          

सपनों को पूरा करने की, जो अभिलाषा तय करते हैं!
वही लोग अपनी उर्जा से, इन सपनों पर जय करते हैं!

बिना पसीने की बूंदों से, अपनी सूरत नहीं धुलेगी!
कुछ करने की हसरत जब तक, अपने मन में नहीं जगेगी!"

...................चेतन रामकिशन "देव"......................
दिनांक-०५.०५.२०१३

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