Tuesday, 4 June 2013

♥♥गम की काली रात ..♥♥

♥♥गम की काली रात ..♥♥
गम की काली रात न आये!
ज़ख्मों की सौगात न आये!
यही दुआ है, मुझे रुलाने,
अश्कों की बरसात न आये!

एक अकेली जान हूँ आखिर,
इतना दर्द सहूँ मैं कब तक!
पलक मेरी भी छलनी होतीं,
आंसू बनकर बहूँ मैं कब तक!
दर्द के गहरे अँधेरे में,
आसपास का कुछ नहीं दिखता,
अँधेरे में सहम सहम कर,
इस तरह से रहूँ मैं कब तक!

खुशी का रस्ता देख रहा हूँ,
मगर खुशी भी हाथ न आये!
यही दुआ है, मुझे रुलाने,
अश्कों की बरसात न आये...

दुनिया लेकिन पत्थर दिल है,
दर्द किसी का कब सुन पाये!
जब होता है बुरा वक़्त तो,
अपना कोई पास न आये!
"देव" यहाँ पर जिसको मैंने,
अपने दिल का हाल बताया,
उस इन्सां को मेरी तड़प का,
हाल जरा भी समझ न आये!

मार नहीं सकता मैं खुद को,
पर जिन्दा भी रहा न जाये!
यही दुआ है, मुझे रुलाने,
अश्कों की बरसात न आये!"

...चेतन रामकिशन "देव"..
दिनांक-०४.०६.२०१३

1 comment:

Jyoti khare said...

एक अकेली जान हूँ आखिर,
इतना दर्द सहूँ मैं कब तक!
पलक मेरी भी छलनी होतीं,
आंसू बनकर बहूँ मैं कब तक!-----
वाह बहुत सुंदर
बधाई


आग्रह है
गुलमोहर------