♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥तेरी तस्वीर..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
आज तेरी तस्वीर से मैंने, घंटों तक फिर बातें की हैं!
तुझसे मिलने को दिल तरसा, नयनों ने बरसातें की हैं!
तुझको अपने पास बिठाकर, दिल का हाल बताना चाहूँ!
बिन तेरे कितना तड़पा हूँ, मैं तुमको दिखलाना चाहूँ!
लेकिन देखो "देव" विरह की, ये बेला पूरी नहीं होती,
भले विरह के भावों को मैं, कितना भी झुठलाना चाहूँ!
तुम बिन मैंने जाग जाग कर, देखो पूरी रातें की हैं!
आज तेरी तस्वीर से मैंने, घंटों तक फिर बातें की हैं!"
....................चेतन रामकिशन "देव".................
दिनांक-०४.०७.२०१३
आज तेरी तस्वीर से मैंने, घंटों तक फिर बातें की हैं!
तुझसे मिलने को दिल तरसा, नयनों ने बरसातें की हैं!
तुझको अपने पास बिठाकर, दिल का हाल बताना चाहूँ!
बिन तेरे कितना तड़पा हूँ, मैं तुमको दिखलाना चाहूँ!
लेकिन देखो "देव" विरह की, ये बेला पूरी नहीं होती,
भले विरह के भावों को मैं, कितना भी झुठलाना चाहूँ!
तुम बिन मैंने जाग जाग कर, देखो पूरी रातें की हैं!
आज तेरी तस्वीर से मैंने, घंटों तक फिर बातें की हैं!"
....................चेतन रामकिशन "देव".................
दिनांक-०४.०७.२०१३
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