Friday 11 October 2013

♥♥दर्द की कहानी..♥♥

♥♥♥दर्द की कहानी..♥♥♥♥
दर्द की एक नयी कहानी है!
मेरी आँखों का जो ये पानी है!

अब मुझे चाँद की तरह न कहो,
मेरी तस्वीर ये पुरानी है!

रात की नींद, दिन का चैन गया,
प्यार की देखो ये निशानी है!

बोझ समझो न कभी बेटी को,
बेटी तो नूर की रवानी है!

माँ का चेहरा जमीं पे रब जैसा,
माँ का आंचल भी आसमानी है!

मुल्क के काम न जो आ पाए,
नाम की फिर तो वो जवानी है!

"देव" तुम हाथ न छुड़ाओ अभी,
दोस्ती उम्र भर निभानी है!"

चेतन रामकिशन "देव"
दिनांक-११.१०.२०१३

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