♥♥♥♥♥ऐतबार ....♥♥♥♥♥
बेकरारी में भी करार रखो!
होंसला अपना बरक़रार रखो!
जो सिखाया है बुजुर्गों ने हमें,
हर घड़ी उनकी यादगार रखो!
चाहें दुख हो, या गमों के आंसू,
अपने चेहरे को खुशगवार रखो!
हर एक इन्सां यहाँ पे अपना है,
न ही रंजिश, नहीं दीवार रखो!
बाद मरने के लोग याद करें,
अपने सीने में इतना प्यार रखो!
प्यास से मरते हुए मुफलिस को,
बारिशों सी हसीं फुहार रखो!
"देव" मिल जाएगी हर एक मंजिल,
हाँ मगर, खुद पे ऐतबार रखो!"
..चेतन रामकिशन "देव"..
दिनांक-०९.१०.२०१३
बेकरारी में भी करार रखो!
होंसला अपना बरक़रार रखो!
जो सिखाया है बुजुर्गों ने हमें,
हर घड़ी उनकी यादगार रखो!
चाहें दुख हो, या गमों के आंसू,
अपने चेहरे को खुशगवार रखो!
हर एक इन्सां यहाँ पे अपना है,
न ही रंजिश, नहीं दीवार रखो!
बाद मरने के लोग याद करें,
अपने सीने में इतना प्यार रखो!
प्यास से मरते हुए मुफलिस को,
बारिशों सी हसीं फुहार रखो!
"देव" मिल जाएगी हर एक मंजिल,
हाँ मगर, खुद पे ऐतबार रखो!"
..चेतन रामकिशन "देव"..
दिनांक-०९.१०.२०१३
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