♥♥♥आँखों में चाँद ...♥♥♥♥♥♥
फिर नया ख्वाब नजर आया है!
चाँद आँखों में उतर आया है!
हर तरफ है नया उजाला सा,
नूर धरती पे बिखर आया है!
मुस्कराहट है मेरे चेहरे पर,
प्यार का जब से असर पाया है!
आंख में देखो एक नमी आई,
किसी बिछड़े ने जो घर पाया है!
जब से अश्कों की स्याही से लिखा,
तब से हर लफ्ज निखर आया है!
लोग देते हैं यहाँ दाद मुझे,
मैंने हंसने का हुनर पाया है!
"देव" बस तुझको देखता ही रहूँ,
आज ये वक़्त ठहर आया है!"
.....चेतन रामकिशन "देव".....
दिनांक-०९.१०.२०१३
फिर नया ख्वाब नजर आया है!
चाँद आँखों में उतर आया है!
हर तरफ है नया उजाला सा,
नूर धरती पे बिखर आया है!
मुस्कराहट है मेरे चेहरे पर,
प्यार का जब से असर पाया है!
आंख में देखो एक नमी आई,
किसी बिछड़े ने जो घर पाया है!
जब से अश्कों की स्याही से लिखा,
तब से हर लफ्ज निखर आया है!
लोग देते हैं यहाँ दाद मुझे,
मैंने हंसने का हुनर पाया है!
"देव" बस तुझको देखता ही रहूँ,
आज ये वक़्त ठहर आया है!"
.....चेतन रामकिशन "देव".....
दिनांक-०९.१०.२०१३
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