Wednesday, 27 November 2013

♥♥उजाला ..♥♥

♥♥♥♥♥♥उजाला ..♥♥♥♥♥♥♥
अंधेरों से बढ़कर उजाला रहेगा!
ये सूरज हमेशा निराला रहेगा!

महज खूबसूरत बदन को न समझो,
अगर दिल हमारा जो काला रहेगा!

यहाँ जीत जायेगी एक दिन हक़ीक़त,
भले सच पे कितना भी ताला रहेगा!

नहीं लोग देखो वो इंसान होंगे,
वो नफरत का जिस दिल में जाला रहेगा!

जो लोगों को जीते मोहब्बत से अपनी,
वही देखो दुनिया में आला रहेगा!

नहीं मैं डिगूंगा कभी अपने पथ से,
कसम का तुम्हारी हवाला रहेगा!

 सुनो "देव" कैसे बनोगे शहद तुम,
जो अधरों में विषधर का छाला रहेगा!"

.....…चेतन रामकिशन "देव"….....
दिनांक-२८.११.२०१३

2 comments:

Rajendra kumar said...

आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति 29-11-2013 चर्चा मंच-स्वयं को ही उपहार बना लें (चर्चा -1445) पर ।। सादर ।।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शुक्रवार (29-11-2013) को स्वयं को ही उपहार बना लें (चर्चा -1446) पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'