♥♥♥♥♥♥♥तुम पिता हो मेरे..♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम पिता हो मेरे, रब जैसी शान धरती पर!
आपके नाम से पहचान मेरी धरती पर!
खून से अपने पसीने से मुझे सींचा है,
तुमसे हर राह है आसान मेरी धरती पर!
कभी गलती पे पिता, तुमने हमें डाँटा है!
प्यार हर हाल में पर, तुमने यहाँ बाँटा है!
तुमने हर पल ही मेरे पथ में फूल बरसाये,
चुन लिया राह से मेरी, जो अगर काँटा है!
तुमसे होठों पे है, मुस्कान मेरी धरती पर!
तुम पिता हो मेरे, रब जैसी शान धरती पर!
माँ तो माँ है के पिता भी, नहीं कम होता है!
देखके बच्चों का दुख, उसको भी गम होता है!
"देव" बच्चों को कोई, न तड़प मिले उसके,
बस यही सोच यही, उसका करम होता है!
तुमसे खुशियों की पिता खान, यहाँ धरती पर!
तुम पिता हो मेरे, रब जैसी शान धरती पर!"
...........चेतन रामकिशन "देव".............
दिनांक-२८.०१.२०१४
"
मेरे स्वर्गीय पिता स्व. रामकिशन जी को समर्पित शब्द भाव, धरती पर रब जैसा होता है पिता, पिता को नमन "
तुम पिता हो मेरे, रब जैसी शान धरती पर!
आपके नाम से पहचान मेरी धरती पर!
खून से अपने पसीने से मुझे सींचा है,
तुमसे हर राह है आसान मेरी धरती पर!
कभी गलती पे पिता, तुमने हमें डाँटा है!
प्यार हर हाल में पर, तुमने यहाँ बाँटा है!
तुमने हर पल ही मेरे पथ में फूल बरसाये,
चुन लिया राह से मेरी, जो अगर काँटा है!
तुमसे होठों पे है, मुस्कान मेरी धरती पर!
तुम पिता हो मेरे, रब जैसी शान धरती पर!
माँ तो माँ है के पिता भी, नहीं कम होता है!
देखके बच्चों का दुख, उसको भी गम होता है!
"देव" बच्चों को कोई, न तड़प मिले उसके,
बस यही सोच यही, उसका करम होता है!
तुमसे खुशियों की पिता खान, यहाँ धरती पर!
तुम पिता हो मेरे, रब जैसी शान धरती पर!"
...........चेतन रामकिशन "देव".............
दिनांक-२८.०१.२०१४
"
मेरे स्वर्गीय पिता स्व. रामकिशन जी को समर्पित शब्द भाव, धरती पर रब जैसा होता है पिता, पिता को नमन "
No comments:
Post a Comment