Friday, 3 January 2014

♥♥♥तुम्हारा ख़त...♥♥♥

♥♥♥♥♥♥तुम्हारा ख़त...♥♥♥♥♥♥♥
कभी रोता है मेरा दिल कभी मुस्काया है!
गुमशुदा दिल की तलाशी में तुझे पाया है!

इसी उम्मीद में के, तेरे वापसी होगी,
ख़त किताबों में तेरा, आज तक छुपाया है!

तेरी तस्वीर से मैं रुबरु हुआ जब भी,
चाँद से बढ़के तेरा चेहरा, नजर आया है!

लोग कहते हैं मुझे तुमसे प्यार है क्यूंकि,
मेरी आँखों में तेरा अक्स, उभर आया है!

तेरे एहसास के घुंघरू मेरी बोली में हैं,
तेरे छूने से मेरा रंग, निखर आया है!

तू ही शामिल मेरी पूजा में, इबादत में तू,
मेरे आँचल में वफ़ा बनके, तू समाया है!

"देव" होने को तो दुनिया है खूबसूरत ये,
हाँ मगर दिल को मेरे, तू ही यहाँ भाया है!" 

...........चेतन रामकिशन "देव"….......
दिनांक-०३.०१.२०१४

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