♥♥♥♥मन के तार...♥♥♥♥♥♥♥
मन के तार मिले रहने दो!
तुम एहसास खिले रहने दो!
मैं आँखों से ही पढ़ लूंगा,
अपने होठ सिले रहने दो!
पूरे हों या रहें अधूरे,
सपने मगर पले रहने दो!
अँधेरा न छू पायेगा,
प्यार के दीप जले रहने दो!
मुझे रौशनी देना हर पल,
लम्बी रात भले रहने दो!
तेरी खुशबु मुझको प्यारी,
बेशक फूल खिले रहने दो!
चिलमन से देखूंगा तुमको,
खिड़की जरा खुले रहने दो!
सूरत को मांजो न चाहें,
दिल के भाव धुले रहने दो!
"देव" मिलेंगे हम जल्दी ही,
तुम उम्मीद खिले रहने दो!"
...चेतन रामकिशन "देव"…......
दिनांक-२३.०२.२०१४
मन के तार मिले रहने दो!
तुम एहसास खिले रहने दो!
मैं आँखों से ही पढ़ लूंगा,
अपने होठ सिले रहने दो!
पूरे हों या रहें अधूरे,
सपने मगर पले रहने दो!
अँधेरा न छू पायेगा,
प्यार के दीप जले रहने दो!
मुझे रौशनी देना हर पल,
लम्बी रात भले रहने दो!
तेरी खुशबु मुझको प्यारी,
बेशक फूल खिले रहने दो!
चिलमन से देखूंगा तुमको,
खिड़की जरा खुले रहने दो!
सूरत को मांजो न चाहें,
दिल के भाव धुले रहने दो!
"देव" मिलेंगे हम जल्दी ही,
तुम उम्मीद खिले रहने दो!"
...चेतन रामकिशन "देव"…......
दिनांक-२३.०२.२०१४
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