Thursday 10 April 2014

♥तेरा एहसास…♥

♥♥♥तेरा एहसास…♥♥♥
तेरे एहसास का सहारा है!
दर्द भी टूटकर के हारा है!

तेरे पैरों के उन निशानों से,
देखो पावन ये घर हमारा है!

मोतियों की तरह चमकने लगा,
जब से लफ्ज़ों में ग़म उतारा है!

तेरे जाने के बाद तन्हाई,
हर तरफ तेरा ही नज़ारा है!

तोड़कर सरहदें चली आयें,
तेरी यादों का जब पुकारा है!

हाँ मैं खुश हूँ तेरी दुआओं से,
बिन दवाओं के ही गुज़ारा है!

"देव" तुमको भुला नहीं सकता,
दिल से धोखा नहीं ग़वारा है!"

.....चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक- १०.०४.२०१४

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