♥♥♥♥♥♥♥तुम्ही शामिल दुआओं में..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तुम्ही शामिल दुआओं में, तुम्ही रहती निगाहों में!
तुम्ही ने फूल बरसाये, मेरे जीवन की राहों में!
तुम्ही को देखना चाहूं, तुम्ही को सोचता रहता,
तुम्ही ने चैन बख़्शा है, मेरे दुख में, कराहों में!
तुम्ही उम्मीद की किरणों का सूरज लेके आती हो!
तुम्ही फिर चांदनी बनकर, जहाँ में खिलखाती हो!
तुम्हारा हाथ मैं थामूं, तुम्हे भर लूँ मैं बाहों में!
तुम्ही शामिल दुआओं में, तुम्ही रहती निगाहों में!
तुम्ही आकाश में तारों की तरह, जगमगाती हो!
तुम्ही मेरे तरन्नुम में, ग़ज़ल बनकर समाती हो!
तुम्ही को देखकर के "देव" मुझको चैन आता है,
तुम्ही फूलों की क्यारी बनके, मेरा घर सजाती हो
तुम्ही शब्दों की धड़कन में, कलम के नूर में तुम हो!
तुम्ही चन्दन तिलक, रोली, सखी सिंदूर में तुम हो!
सदा ऐसे ही तुम रखना, मुझे अपनी पनाहों में!
तुम्ही शामिल दुआओं में, तुम्ही रहती निगाहों में!
.....................चेतन रामकिशन "देव"...................
दिनांक-२७ .०४.२०१४
तुम्ही शामिल दुआओं में, तुम्ही रहती निगाहों में!
तुम्ही ने फूल बरसाये, मेरे जीवन की राहों में!
तुम्ही को देखना चाहूं, तुम्ही को सोचता रहता,
तुम्ही ने चैन बख़्शा है, मेरे दुख में, कराहों में!
तुम्ही उम्मीद की किरणों का सूरज लेके आती हो!
तुम्ही फिर चांदनी बनकर, जहाँ में खिलखाती हो!
तुम्हारा हाथ मैं थामूं, तुम्हे भर लूँ मैं बाहों में!
तुम्ही शामिल दुआओं में, तुम्ही रहती निगाहों में!
तुम्ही आकाश में तारों की तरह, जगमगाती हो!
तुम्ही मेरे तरन्नुम में, ग़ज़ल बनकर समाती हो!
तुम्ही को देखकर के "देव" मुझको चैन आता है,
तुम्ही फूलों की क्यारी बनके, मेरा घर सजाती हो
तुम्ही शब्दों की धड़कन में, कलम के नूर में तुम हो!
तुम्ही चन्दन तिलक, रोली, सखी सिंदूर में तुम हो!
सदा ऐसे ही तुम रखना, मुझे अपनी पनाहों में!
तुम्ही शामिल दुआओं में, तुम्ही रहती निगाहों में!
.....................चेतन रामकिशन "देव"...................
दिनांक-२७ .०४.२०१४
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