♥♥सखी तुम्हारा प्यार..♥♥
हर लम्हा दीदार जरुरी!
सखी तुम्हारा प्यार जरुरी!
जीवन में हर्षित रहने को,
संग तेरे घर द्वार जरुरी!
तेरे साथ ही कदम बढ़ाना,
तेरे साथ हंसना मुस्काना,
मेरी गलती को तू आंके,
सही गलत का पाठ पढ़ाना!
जीवन पथ में सही दिशा को,
तेरी सीख के तार जरुरी!
जीवन में हर्षित रहने को,
संग तेरे घर द्वार जरुरी !
कभी तू जीते, कभी मैं हारूं,
तेरे साथ में, पंख पसारुं!
"देव" तुम्हारा हाथ पकड़ कर,
अपना लेखन यहाँ सुधारूं!
प्यार शब्द में रब दिखता है,
है इसका सत्कार जरुरी!
जीवन में हर्षित रहने को,
संग तेरे घर द्वार जरुरी!"
...चेतन रामकिशन "देव"...
दिनांक-२१.०७ २०१४
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