Friday, 5 September 2014

♥♥रूह का सलाम..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥रूह का सलाम..♥♥♥♥♥♥♥♥
कोरे कागज़ पे तुम्हारा ही नाम लिखता हूँ!
तेरे सजदे में सुबह और शाम लिखता हूँ!
तेरी सूरत में मुझे प्यार, वफ़ा दिखती है,
इसीलिए रूह का तुझको सलाम लिखता हूँ!

देखकर तुझको मेरे दिल को चैन मिलता है!
तेरे होने से ही खुशियों का, फूल खिलता है!

तुझको कुदरत का हसीं एक ईनाम लिखता हूँ!
कोरे कागज़ पे तुम्हारा ही नाम लिखता हूँ....

छोटी छोटी तेरी ऊँगली को, थाम लूंगा मैं!
बिना फेरों के तुम्हें अपना मान लूंगा मैं!
"देव" तुमने ही सिखाई है मोहब्बत मुझको,
अपने होठों से सदा तेरा नाम लूंगा मैं!

तेरे दीदार से उम्मीद, अदब मिलता है!
तेरे होने से ही जीवन का, सबब मिलता है!

दूर होकर भी मैं तुझको अमाम* लिखता हूँ!
कोरे कागज़ पे तुम्हारा ही नाम लिखता हूँ! "

............चेतन रामकिशन "देव"….........
दिनांक-०६.०९. २०१४  

अमाम*----प्रत्यक्ष

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