♥♥♥♥ गुरु का कद...♥♥♥♥♥
धर्म और जात से परे हैं गुरु!
भेद की बात से परे हैं गुरु!
एक से हैं गुरु की आँख में हम,
ऐसी सौगात से भरे हैं गुरु!
साल भर, उम्र भर नमन उनको!
सौंप दें आओ बाल मन उनको!
प्रेम की रौली से तिलक जड़कर,
देते सम्मान का सुमन उनको!
अपने आँचल में दुख मेरा लेकर,
मुझको खुशियों से आ भरें हैं गुरु!
धर्म और जात से परे हैं गुरु....
आज गुरुओं का मान करना है!
उनको झुककर प्रणाम करना है!
"देव" गुरुओं से ज्ञान को पाकर,
हमकों दुनिया में नाम करना है!
बिन गुरु के नहीं दिखे मंजिल,
लक्ष्य की सोच से भरे हैं गुरु!
धर्म और जात से परे हैं गुरु....
धर्म और जात से परे हैं गुरु!
भेद की बात से परे हैं गुरु! "
......चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक-०५.०९. २०१४
धर्म और जात से परे हैं गुरु!
भेद की बात से परे हैं गुरु!
एक से हैं गुरु की आँख में हम,
ऐसी सौगात से भरे हैं गुरु!
साल भर, उम्र भर नमन उनको!
सौंप दें आओ बाल मन उनको!
प्रेम की रौली से तिलक जड़कर,
देते सम्मान का सुमन उनको!
अपने आँचल में दुख मेरा लेकर,
मुझको खुशियों से आ भरें हैं गुरु!
धर्म और जात से परे हैं गुरु....
आज गुरुओं का मान करना है!
उनको झुककर प्रणाम करना है!
"देव" गुरुओं से ज्ञान को पाकर,
हमकों दुनिया में नाम करना है!
बिन गुरु के नहीं दिखे मंजिल,
लक्ष्य की सोच से भरे हैं गुरु!
धर्म और जात से परे हैं गुरु....
धर्म और जात से परे हैं गुरु!
भेद की बात से परे हैं गुरु! "
......चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक-०५.०९. २०१४
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