♥♥♥♥♥प्रेम के फूल...♥♥♥♥♥
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते।
आँख पढ़ लेती आँख की भाषा,
होठ बेशक ही सिल गये होते।
तेरे आने की राह मन में है।
तुझको पाने की चाह मन में है।
तुम दवा प्यार की मुझे दे दो,
बिन मिले तुमसे आह मन में है।
तुम जो मिलते तो आह भी मिटती,
गम के पर्वत भी हिल गये होते।
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते....
मेरे ख़्वाबों की तुम पनाह करो।
प्यार वाली जरा निगाह करो।
साथ रहने की आरज़ू दिल में,
प्यार का प्यार से निकाह करो।
तुम जो छू लो अगर मेरा दामन,
मेरे सब दाग धुल गए होते।
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते....
तुम से बस इतनी सी गुजारिश है।
साथ दो आपका, ये ख्वाहिश है।
"देव " तुम आओगे तो झूमे घटा,
प्यार तेरा ख़ुशी की बारिश है।
देखकर अपना ये मिलन सब खुश,
बागवां सारे खिल गये होते।
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते। "
........चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-१२.११.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते।
आँख पढ़ लेती आँख की भाषा,
होठ बेशक ही सिल गये होते।
तेरे आने की राह मन में है।
तुझको पाने की चाह मन में है।
तुम दवा प्यार की मुझे दे दो,
बिन मिले तुमसे आह मन में है।
तुम जो मिलते तो आह भी मिटती,
गम के पर्वत भी हिल गये होते।
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते....
मेरे ख़्वाबों की तुम पनाह करो।
प्यार वाली जरा निगाह करो।
साथ रहने की आरज़ू दिल में,
प्यार का प्यार से निकाह करो।
तुम जो छू लो अगर मेरा दामन,
मेरे सब दाग धुल गए होते।
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते....
तुम से बस इतनी सी गुजारिश है।
साथ दो आपका, ये ख्वाहिश है।
"देव " तुम आओगे तो झूमे घटा,
प्यार तेरा ख़ुशी की बारिश है।
देखकर अपना ये मिलन सब खुश,
बागवां सारे खिल गये होते।
प्रेम के फूल खिल गये होते।
हम जो आपस में मिल गये होते। "
........चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-१२.११.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "
No comments:
Post a Comment