♥♥♥♥♥चांदनी रात...♥♥♥♥♥
चांदनी रात हो रही फिर से।
ख़्वाब में बात हो रही फिर से।
एक अरसे से इतना सूखा था,
आज बरसात हो रही फिर से।
तेरी तस्वीर में भी आई दमक,
ये करामात हो रही फिर से।
सारे आकाश में हैं, मैं और तुम,
यूँ मुलाकात हो रही फिर से।
रेशमी डोर से बंधे हम तुम,
ऐसी सौगात हो रही फिर से।
सज गयी तू दुल्हन की तरह से,
आज बारात हो रही फिर से।
"देव " न ख्वाब तोड़कर जाना,
देखो प्रभात हो रही फिर से। "
........चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-२९.१२.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "
चांदनी रात हो रही फिर से।
ख़्वाब में बात हो रही फिर से।
एक अरसे से इतना सूखा था,
आज बरसात हो रही फिर से।
तेरी तस्वीर में भी आई दमक,
ये करामात हो रही फिर से।
सारे आकाश में हैं, मैं और तुम,
यूँ मुलाकात हो रही फिर से।
रेशमी डोर से बंधे हम तुम,
ऐसी सौगात हो रही फिर से।
सज गयी तू दुल्हन की तरह से,
आज बारात हो रही फिर से।
"देव " न ख्वाब तोड़कर जाना,
देखो प्रभात हो रही फिर से। "
........चेतन रामकिशन "देव"……
दिनांक-२९.१२.२०१५
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "
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