♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥खूनी माहौल...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
स्वयं की पीड़ा, पीड़ा लगती, दर्द और का लगे बहाना!
दौलत के समकक्ष देखिए, दिल का रिश्ता भी बैगाना!
कैसी बेदर्दी का आलम, इन्सां ही इन्सान का दुश्मन,
आज बहुत ही सस्ता लगता, इंसानों का खून बहाना!"
........."शुभ-दिन"..........चेतन रामकिशन "देव"......
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