♥♥♥♥♥♥♥♥♥हंसी और हिम्मत..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
चलो जरा हंसकर भी देखो, यूँ मुंह लटकाकर क्यूँ बैठे हो!
चलो स्याह से बाहर आओ, तिमिर में आकर क्यूँ बैठे हो!
कभी हैं गम तो कभी खुशी है और जीवन है नाम इसी का,
चलो बढ़ो हिम्मत से आगे, तुम घबराकर क्यूँ बैठे हो!"
......."शुभ-दिन"...........चेतन रामकिशन "देव".........
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