♥♥♥♥♥♥♥♥पिता( स्नेह के पोषक)♥♥♥♥♥♥♥
पिता कर्तव्य के पालक, पिता स्नेह के पोषक!
पिता अपने शिशु के दर्द के, आंसू के अवशोषक!
है माँ अनमोल तो देखो, पिता भी कम नहीं होते!
हाँ सच है हर घड़ी कर्तव्य, उनके सम नहीं होते!
पिता होते दयालु हैं, नहीं होते कभी शोषक!
पिता कर्तव्य के पालक, पिता स्नेह के पोषक!"
..............चेतन रामकिशन "देव".....................
3 comments:
हाँ, बहुत सही कहा आपने ...
माँ के सामान पिता का भी जिंदगी में एक उच्च स्थान है ..
सुंदर से कविता के लिए बधाई !!
कल 17/06/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
पिता दिवस की शुभकामनाएं
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