♥♥♥♥♥♥♥♥बदलाव की चकाचोंध..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
वो क्या जानें मेरे प्यार को, मेरी चाह को, मेरी आह को,
जिन लोगों ने मेरे दिल का शीशा चकनाचूर कर दिया!
उन लोगों को बस मतलब है, केवल रूपये और पैसे से,
जिसने देख गरीबी मेरी, खुद को मुझसे दूर कर लिया!
जो अक्सर दावे करता था, मुझ पर जान लुटाने के भी,
आज उसी इंसान ने मुझको, मरने पर मजबूर कर दिया!
आज भला वो किन हाथों से, मेरे ज़ख्म की शिफ़ा करेंगे,
गुजरे वक़्त में जिन लोगों ने, ज़ख्म मेरा नासूर कर दिया!
"देव" देखिए लोग आज के, आँखों पर पट्टी बांधे हैं,
गुंडों को भी नेता कहकर, इन सबने मशहूर कर दिया!"
................चेतन रामकिशन "देव"........................
No comments:
Post a Comment