Monday 15 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥♥देश के नाम ♥♥♥♥♥♥♥♥♥
देश के नाम जो मर जाते हैं, मिट जाते हैं!
लोग ऐसे कहाँ अब, याद किये जाते हैं!

हम तो डरते हैं यहाँ मौत की खनक से ही,
और वो फांसी के फंदे पे भी मुस्काते हैं!

उनकी तस्वीर पे दो फूल भी नहीं साहब,
और हम पत्थरों पे लाख धन लुटाते हैं!

मुल्क में रहते हैं अब सिर्फ तमाशाई ही,
और गुंडे यहाँ इज्ज़त को लूट जाते हैं!

इससे तो अच्छा है वो "देव" पुराना भारत,
लोग बच्चों को जहाँ, होंसला सिखाते हैं!"

........चेतन रामकिशन "देव"...........

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